NEELAM GUPTA

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Dec-2021 अपराधिक कौन

छी...देखो उसे कितना गंदा हैं।दूर से भी बदबू आ रही हैं। घीसी चप्पल देखो कैसे रिगस रिगस कर चल रहा है, जरा अपने समान का ध्यान रखना कहीं उठाकर नौ दो ग्यारह न हो जाए ।
दिनभर कुड़ा बीनेगा, और उसे बेचकर रात को नशा कर किसी भी सड़क के किनारे सो जाएँगा।कोई एक्सीडेंट हो जाए तो सामने वाले की गलती। उसको कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़े वह अलग से। अपराध करने की जिम्मेदार यह लोग हैं और अपराधी बनते हैं हम जैसे निर्दोष व्यक्ति।

इन्हें होश ही कहाँ रहता हैं कि कहाँ पड़ा हूँ।कभी किसी नाले मे पड़ा मिलेगा और ऐसे ही मर जाएगा।लावारिस का लावारिस।

बीबी जी यह कबाड़ उठा लू।बेचकर एक.समय तो खाली पेट नहीं सोना पड़ेगा। हम लावारिसो का क्या है।कोई अपना नहीं।पहले हमें पैदा करते है फिर सड़क या नाली में फैक देते है।अपनी बदनामी से बचने के लिए।सारी उम्र सड़कों पर जीवन घीसने के लिए।दुध तो नसीब नहीं होता, जो कुछ भी मिलता है उससे ही जिंदा रहते है।कोई नशा करा कर भी हमें जिंदा रखते है कम से कम उस इंसान में इंसानियत तो जिंदा हैं।" नहीं तो अपने पाप का बोझ ,कूडा समझ कर लोग गटर मे डाल देते है"

"उस नाजुक फूल को कुछ पता नहीं होता है।क्या उसकी अभिलाषा हैं।खिलते ही उसकी पंखुड़ियों को नोच दिया जाता हैं।"खुशबू को बदबूदार माहौल में बिखेर देते है ,हमेशा मुरझाने के लिए,न खाद पानी डाली का कोई ठिकाना।किस पौधे का फूल हूँ,इसका नहीं कोई सानी" पैरों में रौदा हुआ फूल किस काम का। किसी की घर की रौनक किसी का मलाल।

जब भूख प्यास से हड्डियाँ कड़मड़ा जाती हैं,कभी कभी नशे के दो घूट सब कुछ भूला गहरी नींद में सुला देते है,बिना दर्द दिये।
वह कहता हुआ आगे बढ़ गया।

बीबी जी मुंह ताकती रह गई। और सोचती रह गई यही बच्चा जब चोरी चाकरी करेगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ।बड़े होते होते इसका दिमाग आपराधिक प्रवर्ति का हो जाएगा।यही हमारे देश के लिए कंलक बनेगा।आखिर क्यू ।

"कर्म किसी का भुगते कोई और "।

ऐसी आपराधिक गतिविधियो का जिम्मेदार कौन।
लड़कियो के संग जबर्दस्ती करने वाले,प्यार में अपनी लक्ष्मण रेखा पार करने वाले या वह इंसान जो बच्चे तो पैदा कर देते है लेकिन जिम्मेदारी संभालने के लायक नहीं होता और बच्चों को इस तरह से सड़कों पर फेंक देते हैं अपराधिक प्रवृत्ति का बनने के लिए।

कोई कानून भी इनका कुछ नहीं बिगाड़ता और बेचारे यह बच्चे इसकी गिरफ्त में आते हैं जिनका कोई कसूर भी नहीं होता ।जिनका जन्म तो सिर्फ अपराध की दुनिया में होता है तो यह बेचारे क्या करें जो जीवन इन्हें मिला है वही तो यह जिएंगे। सारी जिंदगी का कारावास इनको झेलना है ।और वह लोग मुक्त होकर अपराध करके भी सरेआम घूमते हैं इस दुनिया का सम्मानित हिस्सा बनकर।

ऐसे बड़ा होकर नशे में चूर न जाने किस की आबरू पर हाथ मारेगा और फिर से एक अपराध जन्म लेगा सड़क पर मरने के लिए और नरक की जिंदगी जीने के लिए।

बीबी जी ने तुरंत उस बच्चे को आवाज लगाई। और कहा मुझे माफ कर दो मैं तुम्हें समझ नहीं पाई। लेकिन अब मैं तुम्हें समझना चाहती हूं और मैं तुम्हें पढ़ाना चाहती हूं क्या तुम मेरे घर में रहकर मेरी मदद करोगे और साथ में पढ़ोगे भी ।जिससे मुझे तुम्हारा साथ मिल जाएगा और तुम्हारा जीवन इस नरक से बाहर निकल जाएगा ।

हो सकता है आने वाला समय तुम्हारा अच्छा हो जाए ।मुझ पर विश्वास कर सकते हो तो मेरे घर में तुम्हारे लिए जगह है। लेकिन तुम भी मुझे विश्वास दिलाओ कि मेरा विश्वास नहीं तोड़ोगे और जिंदगी में आगे बढ़कर अपना नाम करोंगे।

बच्चे की आंखों में चमक आ गई उसने कहा ...क्यों नहीं आप जैसे लोग भी हमारा साथ दे तो उस अपराधिक छवि से हमें छुटकारा मिल जाए। जो छीटाकशी करते हैं यदि वही साथ देने लग जाए तो हमारा जीवन बदल जाए ।

मैं आपकी मदद करूंगा आप मुझे पढ़ने में मदद कीजिए ।मैं आपका विश्वास नहीं तोडूगा । आप चाहे तो मेरा पुलिस में नाम दे सकती हैं यदि मैं कुछ भी करूं तो आप मुझ पर कार्यवाही कर सकती है।

आप के विश्वास पर खरा उतरने की संपूर्ण कोशिश मेरी रहेगी ।शुक्रिया बीबी जी मेरे जीवन में मसीहा बन  इस तरह से आने के लिए और मेरा जीवन  को बदलने का प्रयास करने के लिए।


नीलम गुप्ता नजरिया दिल्ली


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15 Comments

रतन कुमार

09-Dec-2021 12:43 PM

Behtarin

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Seema Priyadarshini sahay

08-Dec-2021 12:51 AM

बहुत बढ़िया कहानी

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NEELAM GUPTA

08-Dec-2021 07:27 PM

आपका बहुत-बहुत आभार

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वाकई में काफी गहराई से लिखा है आपने...बेहतरीन कहानी

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NEELAM GUPTA

08-Dec-2021 07:27 PM

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

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